नई दिल्ली। आदित्य एल-1 सूरज के और करीब पहुंच गया है। इसने तीसरा अर्थ-बाउंड मैन्यूवर भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अब आदित्य एल1 296 किलोमीटर की पेरीजी (निकटतम दूरी) और 71,767 किलोमीटर की अपेजी (अधिकतम दूरी) में पहुंच चुका है। इसरो ने एक्स पर इसकी जानकारी दी है। इसरो का ‘सूर्ययान’ अब पृथ्वी से सबसे निकटतम 296 किलोमीटर और सबसे अधिकतम 71,767 किलोमीटर की दूरी पर है। आदित्य एल-1 पर इसरो लगातार नजर रख रहा है। मैन्यूवर के दौरान ISTRAC/ISRO के मॉरिशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर स्थित ग्राउंड स्टेशन्स ने इस ऑपरेशन के दौरान सैटेलाइट पर नजर रखी। बता दें कि आदित्य एल-1 का दूसरा अर्थ बाउंड मैन्यूवर पांच सितंबर को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। अब आदित्य एल-1 के एक और मैन्यूवर हैं, जो 15 सितंबर के लिए शेड्यूल हैं।
आदित्य एल-1 को लैंगरेंज-1 प्वाइंट में स्थापित किया जाएगा। ये पॉइंट पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है. यहां से सूर्य का बहुत सटीक व्यू मिलता है और इससे सूर्य के ऑब्जर्वेशन्स में मदद मिलेगी। बता दें कि आदित्य L1 को 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर लॉन्च किया गया था। इसरो के मुताबिक, 15 सितंबर सुबह 2 बजे उपग्रह आदित्य एल1 को चौथी कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद आदित्य एल1 को एक और बार कक्षा बदलना पड़ेगा। इसके बाद उपग्रह ट्रांस-लैंग्रेजियन1 कक्षा में चला जाएगा। 18 सितंबर को आदित्य एल1 धरती के स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस से बाहर चला जाएगा। स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस से निकलने के बाद क्रूज फेज की शुरुआत होगी, यहां से आदित्य एल-1 लैंग्रेज प्वाइंट की तरफ अपना रूख करेगा। इसके बाद आदित्य एल-1 हैलो ऑर्बिट की ओर जाएगा। यहां कुछ मैन्यूवर के बाद उपग्रह एल-1 की कक्षा में दाखिल होगा।