Wednesday, September 18, 2024

भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी के लिए देश के संघर्ष में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यहां एक संक्षिप्त अवलोकन दिया गया है:

1. ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन: भारत 18वीं शताब्दी से शुरू होकर लगभग 200 वर्षों तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अधीन था। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने धीरे-धीरे विभिन्न क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया।

2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन: शिक्षित भारतीयों के लिए सरकार में बड़ी हिस्सेदारी पाने और उनके हितों का प्रतिनिधित्व करने के उद्देश्य से 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का गठन किया गया था। समय के साथ, यह भारत के स्वशासन की वकालत करने का एक मंच बन गया।

3.असहयोग आंदोलन: महात्मा गांधी के नेतृत्व में, असहयोग आंदोलन (1920-1922) का उद्देश्य ब्रिटिश अधिकारियों के साथ असहयोग सहित अहिंसक तरीकों से ब्रिटिश शासन का विरोध करना था।

4. सविनय अवज्ञा आंदोलन: सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-1934) में गांधीजी का प्रसिद्ध नमक मार्च और ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार शामिल था, जिसे व्यापक समर्थन और अंतर्राष्ट्रीय ध्यान मिला।

5. द्वितीय विश्व युद्ध और भारत छोड़ो आंदोलन: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटिश सरकार के युद्ध से निपटने और भारतीयों की भागीदारी की बढ़ती मांग के कारण 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन हुआ। यह ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की मांग को लेकर एक सामूहिक विरोध प्रदर्शन था।

6. माउंटबेटन योजना: युद्ध के बाद अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का फैसला किया। भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड लुईस माउंटबेटन ने विभाजन और सत्ता हस्तांतरण की एक योजना बनाई। भारत को भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया जाना था।

7. स्वतंत्रता दिवस की घोषणा: 15 अगस्त 1947 को, भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जो ब्रिटिश शासन के अंत और एक संप्रभु भारतीय राष्ट्र की शुरुआत का प्रतीक था।

8. विभाजन और सांप्रदायिक तनाव: भारत और पाकिस्तान के विभाजन के कारण बड़े पैमाने पर पलायन और हिंसक सांप्रदायिक तनाव हुआ, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर पीड़ा और जीवन की हानि हुई।

9. संविधान और गणतंत्र: भारत ने 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान अपनाया और आधिकारिक तौर पर एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।

हर साल 15 अगस्त को देशभक्ति के उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। प्रधान मंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, भाषण देते हैं और इस अवसर को देश भर में परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा चिह्नित किया जाता है। यह स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदान को याद करने और लोकतंत्र और एकता के मूल्यों की पुष्टि करने का दिन है।

ताजा खबरे