Saturday, July 27, 2024

उत्तराखंड में कम मतदान! बहिष्कार के मामलों का सरकार ने लिया संज्ञान,फिर किया दावा

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कम मतदान और इसके बहिष्कार के मामलों का सरकार ने संज्ञान लिया है। उन्होंने यह बात भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से वार्ता के दौरान कही। दावा किया कि कुल मतदान का 75 प्रतिशत मत भाजपा के पक्ष में हुआ। कम मतदान की एक वजह उन्होंने कांग्रेस की निराशा को बताया। कहा प्रतिस्पर्धा के अभाव में विपक्ष के समर्थक मतदान से दूर रहे। चुनाव के बाद पहली बार पार्टी मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब भट्ट ने कहा देवभूमि ने दिल खोलकर मोदी के लिए मतदान किया है। हमेशा सक्रिय रहने वाले भाजपा के बूथ अध्यक्ष, पन्ना प्रमुख एवं शक्ति केंद्रों ने बेहतर कार्य करते हुए मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने के लिए कार्य किया है। सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने दिए गए दायित्व को जिम्मेदारी के साथ निभाया।

भट्ट ने कहा, वोट न देना किसी समस्या का समाधान नहीं है, क्योंकि इनमें अधिकतर जगह पर्यावरण, कानूनी, जियोग्राफिक एवं तकनीकी कारणों से सड़क एवं विकास कार्यों में गतिरोध आया है। सीएम ने इसका संज्ञान लिया है, जल्द ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। कम मतदान को उन्होंने प्रतिस्पर्धा का अभाव बताया। कहा, विपक्ष विशेषकर कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही हार मान ली। कहा, इससे राज्य में प्रतिस्पर्धा का अभाव दिखाई दिया। यही वजह है कि लोग मतदान के लिए थोड़ा कम निकले। मतदान केंद्रों के पास बड़ी संख्या में विपक्ष के बस्ते तक नहीं दिखे। कम मतदान का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस समर्थकों की उदासीनता रही है। इस मौके पर प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, विधायक विनोद चमोली, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान, सह प्रभारी राजेंद्र नेगी, प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन आदि मौजूद रहे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, जहां-जहां प्रतिस्पर्धा नजर आई वहां वोट प्रतिशत बढ़ा। विधानसभा चुनाव में हारी हुई 23 सीटों पर प्रतिस्पर्धा नजर आई यही वजह रही यहां मत प्रतिशत अधिक रहा। भट्ट ने कहा, भविष्य में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के साथ सभी पार्टियों को प्रयास करना चाहिए। हमें मतदाताओं को जागरूक करना चाहिए। चुनाव आयोग को भी अपनी पद्धति में बदलाव की जरूरत है। बताया, उनके गांव में 334 में से 134 मतदाता थे, लेकिन उन सबके वोट देहरादून के बने हैं। वहीं, मतदान वाले दिन दो सौ से अधिक विवाह थे, इसके अलावा लगातार तीन दिन छुट्टियां थी।

 

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