उत्तराखंड की मंगलौर विधानसभा सीट खाली होने के बाद उपचुनाव के लिए सत्ता के धुरंधरों ने बयानबाजी के जरिए तैयारी शुरू कर दी है। खानपुर से पूर्व भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने दावा किया है कि वह मंगलौर सीट पर मुस्लिम वोटरों का दिल जीतने की गारंटी देते हैं। वहीं कांग्रेस ने भाजपा नेता के दावे को बचकाना बताया है।
हरिद्वार की मंगलौर विधानसभा सीट बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के बाद खाली हो चुकी है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से खाली हुई ये सीट सभी राजनीतिक दलों के लिए एक अहम कड़ी बन चुकी है। लिहाजा मंगलौर सीट पर अभी से दावेदारियों का दौर शुरू हो गया है। खानपुर से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने मंगलौर विधानसभा सीट पर दावेदारी करते हुए अपने संगठन को यह संदेश देने का काम किया है कि वह मंगलौर सीट पर जीत हासिल कर सकते हैं। 40 फीसदी मुस्लिम वोटरों वाली हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट पर अभी तक भाजपा को हमेशा निराशा ही हासिल हुई है। यहां पर 2022 में बसपा के सरवत करीम अंसारी चुनाव जीत कर आए थे। वहीं भाजपा नेता कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने दावा किया है कि मंगलौर सीट जहां पर अब तक बीजेपी जीत नहीं पाई है क्योंकि क्षेत्र में मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं वह गारंटी देते हैं कि वह क्षेत्र में मुसलमानों का दिल जीतकर विजयी होंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि अभी मंगलौर उपचुनाव को लेकर किसी भी तरह का कोई विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मंगलौर उपचुनाव का विषय और समय आएगा उस समय भाजपा विचार करेगी। अपने सही दावेदार को उपचुनाव के लिए मैदान में उतारेगी। वहीं इस विषय पर कांग्रेस ने चैंपियन के इस दावे को बचकाना बताते हुए कहा कि अभी विधायक की चिता ठंडी भी नहीं हुई है और भाजपा के नेता दावा करने लगे हैं। यह उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं और अपरिपक्वता को प्रदर्शित करता है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि भाजपा केवल सत्ता पाने के लिए लालायित रहती है। उन्हें जनता की भावनाओं और जनता के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि मंगलौर सीट से दो बार विधायक रहे बसपा के कद्दावर नेता विधायक हाजी सरवत करीम अंसारी का 30 अक्टूबर को नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में निधन हुआ। मंगलौर सीट पर सरवत करीम अंसारी और कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजुमाद्दीन के बीच कड़ा मुकाबला होता आया है। 2012 विधानसभा चुनाव में सरवत करीम अंसारी ने कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को हराकर जीत दर्ज की थी। जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने बसपा के सरवत करीम अंसारी को हराकर हिसाब चुकता किया। 2022 के चुनाव में सरवत करीम अंसारी ने कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को फिर पटखनी दी।