पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संतोष कुमार सुमन मांझी (Santosh Suman Manjhi) ने नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) से इस्तीफा देकर नीतीश-तेजस्वी की महागठबंधन सरकार को बड़ा झटका दिया है।
इस्तीफा देने के बाद संतोष मांझी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद ही फैसला लिया गया है। हालांकि, उन्होंने अभी महागठबंधन से अलग होने की बात से इनकार किया है। साथ ही एनडीए में जाने के सवाल पर कहा कि अभी ऐसा नहीं सोचे हैं।
सूत्रों की मानें तो हम पार्टी पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) में विलय का दबाव था। जदयू के शीर्ष नेता लगातार हम पार्टी की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा की मांग कर रहे थे। हालांकि, संतोष मांझी (Santosh Manjhi) को यह मंजूर नहीं था।
#WATCH | "…the existence of my party was under threat, I did this to protect it..," says HAM leader Santosh Kumar Suman after resigning as a Bihar minister.
"When we were not even invited, when we were not even recognised as a party, how would we have been invited?" he says… https://t.co/m2C4yERYRa pic.twitter.com/T3nJx1LtTG
— ANI (@ANI) June 13, 2023
हक मांगना हमारा हक- संतोष सुमन
संतोष मांझी ने मीडिया से कहा कि पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में हम की तरफ से पांच सीटों की मांग की जा रही थी। ये नहीं कहा कि इतनी ही सीट चाहिए। हक मांगना हमारा हक है।
संतोष मांझी बोले- बहुत दिनों से शिकार की हो रही थी कोशिश
वहीं, 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक में शामिल होने को लेकर संतोष मांझी ने कहा कि जब हमें बुलाया ही नहीं गया, हमें एक पार्टी के रूप में मान्यता ही नहीं मिली, तो हम लोग बैठक में कैसे जा सकते हैं। मांझी ने कहा कि जंगल में बहुत से जानवर होते हैं। बहुत दिनों से शिकार की कोशिश हो रही थी। अब पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी, जिसके बाद विचार किया जाएगा।