Saturday, July 27, 2024

चीन से घटिया माल से नाराज हुआ पाक, टैंकों के प्रोडक्शन पर पड़ रहा बुरा असर

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चीन से पाकिस्तानी सेना को जिन हथियारों और गोला-बारूद की सप्लाई की जा रही है उनमें से ज्यादातर या तो लो क्वालिटी (Low Quality) के हैं या फिर खराब हैं. जिसकी वजह से पाकिस्तानी सेना के सैकड़ों टैंक और दूसरे हथियार जंग के लायक ही नहीं बचे हैं. पाकिस्तानी सेना चीन की तरफ से सप्लाई किए जा रहे खराब हथियारों और उसके पार्टस से इस कदर परेशान है कि उसने चीन से इसे लेकर नाराजगी जाहिर की है. भारत के प्रतिष्ठित मीडिया ने ये दावा किया है कि उनके पास मौजूद एक्सक्लूसिव दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि चीन से खराब हथियारों की सप्लाई के साथ-साथ चीन से समय पर हथियारों के पार्टस न मिल पाने की वजह से पाकिस्तान में टैंकों के प्रोडक्शन (Production) पर बुरा असर पड़ा है.

पाकिस्तान को भारी नुकसान

भारत के खिलाफ अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने में लगी पाकिस्तान रडार से लेकर टैंक, मिसाइल, फाइटर जेट और वार शिप चीन से खरीद रहा है. कई ऐसे हथियार हैं जिन्हें पाकिस्तान चीन के साथ ज्वाइंट प्रोडक्शन करता है. ऐसे में चीन से लो क्वालिटी और खराब किस्म के पार्ट मिलने से ज्यादातर पाकिस्तानी सेना के हथियार बेकार हो चुके हैं.

फैक्ट्री में जंग खा रहे हैं 16 टैंक

अल खालिद टैंकों के पार्टस ने मिलने की वजह से पिछले महीने पाकिस्तानी सेना के लिए टैंक और आर्म्ड बनाने वाली Heavy Industries Taxila (HIT) ने चीन को भेजे गए एक फैक्स में नाराजगी जताते हुए कहा है कि HIT की टैंक मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री (Tank Manufacturing Factory) में टैंकों के पार्टस चीन से न मिल पाने की वजह से पाकिस्तानी सेना के आधुनिकीकरण पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. चीन के सहयोग से 2015 में जिन अल खालिद-1 टैंकों को पांच साल में तैयार करने पर काम शुरू किया गया था उनमें अब 7 साल की देरी हो चुकी है और अब तक सिर्फ 94 अल खालिद टैंकों को बनाने का काम पूरा हुआ है, जबकि 16 टैंक फैक्ट्री में जंग खा रहे हैं. HIT के लेटर के मुताबिक अल खालिद टैंक और दूसरे आर्मड के कई कल पुर्जे खराब पड़े हैं जिसे चीन ने समय पर सप्लाई का वादा किया था.

पाकिस्तान सेना की बढ़ती नाराजगी को दूर करने के लिए कुछ महीने पहले चीन की एक स्पेशल टीम ने पाकिस्तान की टैंक मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का दौरा कर 310 ऐसे आइटम की लिस्ट तैयार की थी जिसे रिपेयर नहीं किया जा सकता था. ऐसे में चीन से इसके बदले नए पार्ट्स की सप्लाई की जानी थी लेकिन चीन से अब तक इन सामानों की सप्लाई पाकिस्तान को नहीं हुई है.

चीन के घटिया माल से पाक खफा!

पिछले साल पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने Heavy Industries Taxila (HIT) में बन रहे टैंकों, आर्टलरी गन, आईडी प्रोटेक्शन मिलिट्री व्हीकल के कामों का जायजा लिया था. मीडिया को दिए बयान में पाकिस्तानी सेना ने उस दौरान इस बात पर खुशी जाहिर की थी कि HIT स्वदेशी हथियारों को विकसित करने में लगा है. पाकिस्तान जिन हथियारों को बना रहा है उनके ज्यादातर पार्ट्स चीन में तैयार हो रहे हैं और अब यही Faulty प्रोडेक्ट पाकिस्तानी सेना की गले की हड्डी बनते जा रहे हैं. पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वो इसे लेकर चीन का खुल कर विरोध भी नहीं कर सकता क्योंकि उसे डर है कि कहीं चीन नाराज न हो जाए.

भारत के खिलाफ युद्ध की तैयारी में जुटा है पाक

भारत के खिलाफ युद्ध की स्थित में निर्णायक बढ़त हासिल करने के इरादे से पाकिस्तानी सेना लगातार अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने में लगी हुई है. जहां पाकिस्तान भारत के 36 राफेल के बदले अगले तीन साल में 62 नए JF-17 जेट को पाकिस्तानी वायु सेना में शामिल कर रही है, वहीं पाकिस्तानी सेना कुछ महीनों में 600 नए टैंक को शामिल करने की योजना तैयार कर ली है. पाकिस्तानी आर्मड कोर में टैंकों की कमी को दूर करने के लिए पाकिस्तान ने चीनी टैंक वीटी-4 की उम्मीद लगाई है. वीटी-4 को तीसरी जनरेशन का टैंक कहा जाता है, जिसका इंजन 1200 हार्स पावर का है और ये 70 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर दौड़ सकता है. ये चीन का बनाया हुआ बेहद मार्डन टैंक माना जाता है. पाकिस्तान करीब 100 वीटी-4 टैंक की खरीद करने की कोशिश में है.

देखा जाए तो फिलहाल पाकिस्तानी सेना के पास इस वक्त कुल 2400 मैन बैटल टैंक हैं. ज्यादातर टैंक टाइप-59 जिन्हें अल जरार भी कहा जाता है उनकी संख्या 1100 के करीब है. पाकिस्तान आर्मी के पास मौजूद अल खालिद टैंक को पाकिस्तान और चीन ने मिलकर तैयार किया है. साल 1990 में इन टैंक का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. ये टैंक चीनी सेना के टाइप-90 IIM टैंक पर आधारित हैं.

 

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