महेश बाबू जिनकी मुस्कान की जनता कायल है लोग उनको फेमिली मेन भी कहते है उनके एटिट्यूड और सादगी से भरी जिंदगी को लोग काफी पसंद करते हैं साउथ में तो उनका बोल बाला है ही किंतु नॉर्थ में भी कम नहीं है टॉलीवुड के महूसर एक्टर्स में से एक हैं महेश बाबू जो सदा से ही नियमो पे चलते आए हैं
महेश बाबू, जिनका जन्म 9 अगस्त 1975 को है, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है जो मुख्यतः तेलुगू सिनेमा में काम करते हैं। उन्होंने अपने उच्च प्रतिष्ठान के लिए न सिर्फ़ तेलुगू सिनेमा में बल्कि भारतीय सिनेमा में भी महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।
महेश बाबू का जन्म हैदराबाद, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्ण और मां का नाम इंदिरा है। उनका सिनेमा में करियर शुरू होने से पहले वे एक शूटिंग कोच भी थे।
महेश बाबू ने अपनी पहली फ़िल्म “राजकुमारुडु” से फ़िल्म करियर की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने एक युवा आदमी की भूमिका निभाई। उनकी अद्वितीय एक्टिंग कौशल ने उन्हें तेलुगू सिनेमा में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।
2000 में, महेश बाबू ने फ़िल्म “मुरारी” में काम किया, जिसमें उन्होंने एक आवाज़ भी दी थी। इसके बाद, उन्होंने कई सफल फ़िल्में जैसे कि “ओकाडू”, “बिजनेसमैन”, “सीता”, “सर्कार” और “भारत आने नेनु” में काम किया।
महेश बाबू की व्यक्तिगत जीवन में भी उनकी खास पहचान है। उन्होंने नैन्जा, एक फ़िल्म निर्माता के साथ प्यार में पड़कर 2005 में शादी की। उनके दो संतानें, गौथम और सितारा, उनके परिवार के महत्वपूर्ण हिस्से हैं।
महेश बाबू का कैरियर न केवल सिनेमा में ही सीमित रहा है, बल्कि उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और वातावरण के क्षेत्र में भी सामाजिक प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान की सपोर्ट की है और वनस्पति वृक्षारोपण अभियान में भी भाग लिया है।
संक्षिप्त में कहें तो, महेश बाबू ने अपने उच्च प्रतिष्ठान के साथ न केवल सिनेमा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण ज़बानी बढ़ाई है, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है।